चाहत कहे या तमन्ना ,है एक दिल में
हँसते ही जाये हम इस महफ़िल में ||
बेगानी सी लगती है ये दुनिया अब सारी
दोस्तों में ही बीत जाती है शाम हमारी||
कठोर है ये दुनिया न चाहे हम रहे ऐसे
करे परेशान और बोले कमा बेटा अब पैसे ||
दोस्तों जिन्दगी के सफ़र में बढ़ते ही जाना
पर याद रहे इस दोस्ती को कभी ना भुलाना ||
हँसते ही जाये हम इस महफ़िल में ||
बेगानी सी लगती है ये दुनिया अब सारी
दोस्तों में ही बीत जाती है शाम हमारी||
कठोर है ये दुनिया न चाहे हम रहे ऐसे
करे परेशान और बोले कमा बेटा अब पैसे ||
दोस्तों जिन्दगी के सफ़र में बढ़ते ही जाना
पर याद रहे इस दोस्ती को कभी ना भुलाना ||
and these line specially for catabre whose poem (http://catabre.blogspot.com/2011/06/blog-post.html)inspired me to write this one
ReplyDeleteचलते चलते हमें नए लोग भी मिलेंगे
पर दोस्तों ! हम एक दिन फिर मिलेंगे
nice beginning :):)
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